Tadap movie story and review in hindi 2022

Tadap movie story and review in hindi 2022

 Tadap movie story and review in hindi 2022, तड़प मूवी की कहानी और रिव्यु फ़िल्म देखे या ना देखे

Tadap movie story and review in hindi 2022, तड़प मूवी की कहानी और रिव्यु

अमीर लड़की और लोकल लड़का दोनों में होता है जमकर प्यार और विलेन बनते हैं परिवार। बॉलीवुड में इस प्यार की लाइन पर बहुत ज्यादा फिल्में बन चुकी हैं। तड़प मूवी भी इसी रास्ते से गुजरती है, लेकिन यहां कहानी में कुछ ट्विस्ट है। "मेरा बेटा तो हीरो था और हीरो ही रहेगा, क्या हुआ अगर समय ने इसे विलेन बना दिया तो.." ईशाना (अहान शेट्टी) के पिता आंखों में दर्द भरकर  कहते हैं। इसके बाद तड़प फिल्म की कहानी भी ईशाना के हीरो से विलेन बनने के सफर को दिखाती है। 'तड़प' 2018 की में बनी तेलुगु फिल्म 'RX 100' की रीमेक है, जो की एक वास्तविक घटना पर आधारित थी। ओरिजनल फिल्म से हम तड़प की तुलना नही करते हुए आगे बढ़ते हैं।
 तड़प अहान शेट्टी की डेब्यू मूवी है और मूवी के पहले फ्रेम से ही निर्देशक ने इसमें यह दिखाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। मिलन लूथरिया पूरे फिल्मी तरीके से ही अहान शेट्टी को दर्शकों के सामने लाते हैं। तड़प मूवी के पहले कुछ मिनटों में ही हम प्यार के जुनून में डूबे हमारे हीरो को देखते हैं, जो अपनी प्रेमिका के लिए तड़प रहा होता है।

इंटरवल तक तो तड़प मूवी की कहानी एक अमीर लड़की और एक लोकल लड़के की लव स्टोरी की तरह ही दिखाई देती है, जिसकी शादी उस लड़की के पिता की पसंद के किसी और लड़के से जबरदस्ती कर दी गई है। लेकिन इंटरवल के बाद कहानी में आता है कुछ ट्विस्ट और सामने आती है एक सच्चाई जो ईशाना और रमीसा (तारा सुतारिया) के अलग होने का कारण होती है।

तड़प मूवी की कहानी (Story)

ईशाना मसूरी का 'लोकल लड़का' है, वह अपने पिता के साथ वहां रहता है, जिसे की हर कोई डैडी कहकर ही संबोधित करते हैं। डैडी राजनेता दामोदर नौटियाल के बहुत करीबी सहयोगी हैं, जो राज्य के लिए चुनाव लड़ रहा होता है और उनकी लंदन रिटर्न बेटी है रमीसा। रमीसा और ईशाना को एक दूसरे से हो जाता है प्यार। सिर्फ दो- तीन दिनों की ही मुलाकातों में दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा चाहने लगते हैं। इन दोनों के बीच ऐसे जुनूनी प्यार की शुरुआत हो जाती है कि इसकी खबर इन दोनों के परिवार तक भी पहुंच जाती है। इन दोनों के परिवारों के बीच का बड़ा फासला होने की वजह से रमीसा की शादी किसी दूसरे लड़के से कर उसे वापस लंदन भेज दिया जाता है। इधर ईशाना प्यार में डूबा सालों साल उसे भुला नहीं पाता है। रमीसा से अपनी दूरी का गुस्सा वह रमीसा के परिवार वालों पर निकालता है, जिन्होंने की उन दोनों को अलग किया था। वह रमीसा के प्यार को पाने के खातिर किसी भी हद तक जा सकता है। लेकिन जैसे जैसे यह प्यार कहानी आगे बढ़ती है, इस जुनूनी प्यार की दास्तां में एक बहुत बड़ा मोड़ आता है और ईशाना के लिए सब कुछ ही बदल जाता है।

मिलन लूथरिया ने इस फिल्म में रोमांस, एक्शन, दर्द, धोखा, गुस्सा, सब फ्लेवर डाला है, जो की एक मसाला फिल्म में होता है। उन्होंने डायरेक्शन को बहुत सिंपल रखा है। अहान और तारा के किरदार को अच्छा ग्राफ भी दिया गया है, लेकिन फिल्म की स्क्रीनप्ले थोड़ी कमजोर है। कुछ हिस्सों में कहानी बांधती है, लेकिन फिल्म में नयापन बिल्कुल भी नहीं दिखता और ये 90 के दशक की लव स्टोरी की याद दिलाती है। फिल्म का क्लाईमैक्स तो बहुत दिलचस्प है, लेकिन वहां तक पहुंचने का रास्ता बोर कर देता है।

अपनी पहली ही मूवी में ईशाना जैसे किरदार को पेश करने की अहान शेट्टी की कोशिश काबिले तारीफ है। वो स्क्रीन पर बहुत प्रभावशाली दिखते हैं, लेकिन उनकी संवाद अदायगी में थोड़ी सुधार की जरूरत है। रमीसा के किरदार में तारा सुतारिया हर फ्रेम में बहुत अछि दिखती हैं और उन्होंने अपने किरदार के साथ न्याय भी किया है। खासकर सेकेंड हॉफ में उनके किरदार में जो कुछ भी दिखाया गया है, उसे तारा ने बेहतरीन पकड़ा है। ईशाना के पिता के किरदार में सौरभ शुक्ला और रमीसा के पिता बने कुमुद मिश्रा अपने अभिनय से फिल्म को मजबूती प्रदान करते हैं।

अहान शेट्टी ने तड़प मूवी में अपने किरदार के साथ न्याय किया है। खासकर एक्शन सीन्स में वो अच्छे लगे हैं। वहीं तारा सुतारिया के साथ भी अहान की कैमिस्ट्री अच्छी है। फिल्म के फेवर में और जो कुछ काम करता हैं, वो है किरदार और सिनेमेटोग्राफी। तड़प मूवी का फर्स्ट हॉफ काफी खिंचा हुआ सा है, लिहाजा धीरे धीरे मूवी से दिलचस्पी हटने लगती है। सेकेंड हॉफ में जाकर यह फिल्म रफ्तार पकड़ती है। फिल्म में हल्के फुल्के मोमेंट्स की काफी कमी नजर आयी है, यदि वो होते तो फिल्म सभी वर्गों को बहुत अधिक आकर्षित करती।

तड़प मूवी देंखे या ना देंखे 

फिल्म के एक दृश्य में रमीसा कहती नजर आती है- 'जमाना बदल चुका है, अब ऐसा नहीं होता'.. काश हमारे निर्माता- निर्देशक ने भी रमीसा की ये बात सुनी होती। बहरहाल, यदि 90 के दशक का फ्लेवर लिये हुए आप रोमांटिक बॉलीवुड फिल्मों को पसंद करते हैं, तो 'तड़प' मूवी एक बार जरूर देखी जा सकती है। अहान शेट्टी और तारा सुतारिया ने मूवी में बहुत ही अच्छा काम किया है।